बीएचयू की शास्त्री व आचार्य डिग्रियां कई प्रदेशों में अमान्य होने से आक्रोश, छात्रों का प्रदर्शन

बीएचयू की शास्त्री व आचार्य डिग्रियां कई प्रदेशों में अमान्य होने से आक्रोश, छात्रों का प्रदर्शन


बीएचयू संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की शास्त्री और आचार्य की डिग्री को मध्य प्रदेश में अमान्य कर दिया गया है। यह आरोप बीएचयू के उन छात्रों का है जिन्हें बीती 23 फरवरी को ग्वालियर में आयोजित धर्म शिक्षक की परीक्षा देने से रोक दिया गया। 


इस घटना से आक्रोशित छात्रों ने बुधवार को बीएचयू संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय  के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि कई वर्षों से पारम्परिक संस्कृत की शास्त्री एवं आचार्य उपाधि कई राज्यों में यह कहकर अस्वीकृत कर दी गई कि ये स्नातक एवं परास्रातक के तुल्य नहीं है। यूजीसी के द्वारा प्रमाणित होने पर भी इस तरह की घटनाए रुक नहीं रही है। आक्रोशित छात्रों ने बताया कि ग्वालियर का यह ताजा मामला है।


उनका कहना है कि कई अन्य पारम्परिक संस्कृत संस्थान जैसे राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, श्रीलालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ में भी शास्त्री एवं आचार्य की उपाधि तो देते हैं लेकिन उन पर स्नातक व परास्नातक अंकित होता है। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि उपाधियों पर शास्त्री एवं आचार्य के साथ स्नातक एवं परास्नातक शब्द भी लिखा जाए।